ज़ेलेंस्की अमेरिका में ओवल दफ़्तर में खनिज समझौते के लिए पहुंचे थे. लेकिन रूस-यूक्रेन जंग के सवाल ट्रंप और उप राष्ट्रपति जेडी वेंस के बीच तीखी बहस हो गई. ट्रंप ने जे़लेंस्की पर करोड़ों लोगों की जान से खेलने का आरोप लगाया है और कहा कि वो शांति नहीं चाहते. ज़ेलेंस्की तीसरे विश्वयुद्ध का जोखिम ले रहे हैं.
ट्रंप का साफ़ कहना था कि किसी भी संभावित संघर्ष विराम के लिए यूक्रेन को थोड़ा झुकना होगा. क्योंकि वो रूस के साथ जंग नहीं जीत सकते. दोनों के बीच जुबानी जंग इतनी बढ़ी कि एक वक़्त ज़ेलेंस्की को बोला पड़ना कि जोर से मत बोलिए. इस पर ट्रंप और वेंस ने उन पर ओवल ऑफिस का अपमान करने के आरोप लगाया.
ट्रंप ने कहा कि अगर ज़ेलेंस्की का यही रवैया रहा तो काम करना (संघर्ष विराम के लिए समझौता) मुश्किल हो जाएगा. डोनाल्ड ट्रंप और ज़ेंलेस्की के बीच बहस पर रूस और वहां का मीडिया बेहद खुश दिख रहा है.
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रूसी मीडिया क्या कह रहा है
'मॉस्को टाइम्स' ने रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ाख़ारोवा का बयान ज़िक्र किया है.
'मॉस्को टाइम्स' के मुताबिक़ ज़ाख़ारोवा ने तो यहां तक कह दिया कि गनीमत है कि व्हाइट हाउस में चीख-चिल्लाहट भरी इस बातचीत में ट्रंप ने ज़ेंलेस्की पर हाथ नहीं उठाया.
अख़बार के मुताबिक़ उन्होंने ज़ेलेंस्की के लिए अपशब्दों को इस्तेमाल करते हुए कहा कि ट्रंप और वेंस ने खुद को जिस तरह से रोके रखा वो तो धैर्य का जादू जैसा है.
अख़बार ने लिखा है, ''उन्होंने (जाख़ारोवा) ज़ेलेंस्की के लिए अपशब्दों को इस्तेमाल करते हुए कहा कि ट्रंप और वेंस ने खुद को जिस तरह से रोके रखा वो तो धैर्य का जादू जैसा है.''
'मॉस्को टाइम्स' के मुताबिक़ पूर्व रूसी राष्ट्रपति और पुतिन के सहयोगी दिमित्री मेदवेदेव ने भी ज़ेंलेस्की के लिए गुस्ताख़ शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा कि ओवल ऑफिस में उनके साथ सही सुलूक हुआ.
मेदवेदेव फिलहाल रूस की सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख हैं. 18 फ़रवरी को सऊदी अरब में रूस और अमेरिका के बीच बातचीत में वो प्रमुख वार्ताकारों में से एक थे.
रूस के प्रमुख मीडिया संस्थान आरटी ने विदेश मामलों के कई विशेषज्ञों के हवाले से लिखा है कि यूक्रेन में ज़ेलेंस्की के शासन की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है.
जब बातचीत में घुस आए 'तास' के रिपोर्टर को निकाला गया
'आरटी' ने ग्लोबल अफेयर्स के रूस में प्रमुख संपादक फ्योदोर लुक्यानोव के हवाले से लिखा है कि ज़ेलेंस्की ने ट्रंप के आने के बाद अमेरिकी राजनीति में आए बदलाव को कम करके आंका है.
आरटी से एक और विशेषज्ञ अनास्तासिया लिकाचेवा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में लोगों ने ऐसा दृश्य लंबे समय से नहीं देखा था. ये रियलिटी टीवी शो जैसा था. ये सारे संकेत बताते हैं के आने वाले दिन और कुछ हफ़्ते बेहद ख़तरनाक होने वाले हैं.
एमजीआईएमओ यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज़ के डायरेक्टर मैक्सिम सचकोव ने 'आरटी' से कहा, '' ज़ेलेंस्की ने ट्रंप के साथ बातचीत में वो सारे बटन दबा दिए, जो उन्हें नहीं दबाने चाहिए थे.''
''ज़ेलेंस्की के अड़ियल रवैये ने रूस-यूक्रेन के बीच समझौता कराने का ट्रंप का बड़ा सपना तोड़ दिया. ज़ेलेंस्की की इस यात्रा ने रूस को एक और अतिरिक्त मौका मुहैया करा दिया और उसे इसका इस्तेमाल काफी होशियारी से करना चाहिए.''
'आरटी' ने इस तीखी बहस के बाद डोनाल्ड ट्रंप के बयान को छापा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि यूक्रेन को अमेरिकी सैन्य मदद सिर्फ ज़ेंलेस्की को मजबूत ही करेगा.
इससे वो और ज्यादा बातचीत से दूर भागेंगे. हम ऐसे लोगों नहीं चाहते जो इन समझौतों से मजबूत हो जाए और फिर आंख दिखाए. हम नहीं चाहते कि ये जंग दस साल तक चलती रही.
व्हाइट हाउस में ज़ेंलेस्की से बातचीत के बाद ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति कुछ ज्यादा ही बढ़-चढ़ कर बोल रहे थे. वो रूस के साथ समझौते की इच्छा नहीं रखते.
रूस की समाचार एजेंसी 'तास' ने फॉक्स न्यूज़ के साथ ज़ेलेंस्की के इंटरव्यू का ज़िक्र करते हुए लिखा है कि उन्होंने इस बहस के बाद ट्रंप से माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया.
एजेंसी के मुताबिक़ जे़ेलेंस्की ने कहा, ''मैं राष्ट्रपति ट्रंप का सम्मान करता हूं. मैं अमेरिकी लोगों का सम्मान करता हूं. मेरा मानना है कि हमारी बातचीत खुली और ईमानदार थी. और मुझे नहीं लगता कि हमने कुछ खराब काम किया.
ट्रंप और ज़ेलेंस्की की इस बातचीत के दौरान वहां 'तास' का एक रिपोर्टर घुस गया था. व्हाइट हाउस ने कहा कि इस बातचीत को कवर करने वाले रिपोर्टरों के पूल का चुनाव उसने खुद किया था.
तास के इस रिपोर्टर को इसमें आने की अनुमति नहीं थी. जब पता चला कि 'तास' का रिपोर्टर इसमें बगैर अनुमति के घुस आया था तो प्रेस सेक्रेटरी ने उन्हें वहां से बाहर कर दिया.
यूक्रेनी मीडिया का क्या है रुख़
कई रूसी मीडिया आउटलेट्स ने ट्रंप और ज़ेलेंस्की इस बातचीत के विवाद में फंसने के लिए यूक्रेनी राष्ट्रपति को दोषी ठहराया है तो यूक्रेनी मीडिया ने ज़ेलेंस्की का पक्ष लिया है.
'कीएव इंडिपेंडेंट' ने एक संपादकीय में लिखा कि अब साफ बोलने के समय आ गया है. इस युद्ध में अमेरिकी नेतृत्व ने पाला बदल लिया है. लेकिन अमेरिकी लोगों ने पाला नहीं बदला है. उन्हें अब अपनी आवाज़ उठानी चाहिए.
'कीएव इंडिपेंडेंट' ने लिखा, '' पिछले कई हफ्तों में, अमेरिकी नेतृत्व ने यूक्रेन के प्रति अपनी दुश्मनी साफ तौर पर दिखाई है. उन्होंने अपने बया और नीतियां रूस के पक्ष में कर दी हैं.''
ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच बहस पर इसने लिखा, ''अमेरिका के सहयोगी यूक्रेन के राष्ट्रपति इतिहास में पहले ऐसे विश्व नेता बने जिन्हें व्हाइट हाउस से बाहर निकाला गया.''
''वो कोई तानाशाह नहीं थे न कोई बदनाम राजनेता था. वो यूक्रेन के राष्ट्रपति हैं जो जो 21वीं सदी में सबसे भयावह आक्रमण से पीड़ित देश के नेता हैं. वो देश जहां अमेरिकी प्रशासन ने शांति लाने की कसम खाई थी.''
'कीएव इंडिपेंडेंट' लिखता है, '' अमेरिकी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने यूक्रेन को मिल रही मदद के लिए कृतज्ञ न होने के लिए ज़ेलेंस्की को फटकार लगाने की कोशिश की. ट्रंप चाहते थे कि वो उनके सामने झुकें.निश्चित रूप से ज़ेलेंस्की खुद को संयमित करके और अपनी भावनाओं को काबू करके बात कर सकते थे लेकिन उन्हें ऐसी स्थिति में डाल दिया गया था कि वो इससे पार नहीं पा सकते थे.''
'जे़लेंस्की ने कई बार ट्रंप का 'फैक्ट चेक' किया'
'कीएव पोस्ट' ने लिखा है, '' इस बातचीत में ज़ेलेंस्की ने ट्रंप ने कई बार फैक्ट चेक किया.
ट्रंप ने कई बार गलत तथ्य और आंकड़े पेश किए और ज़ेलेंस्की ने उन्हें ठीक किया. ट्रंप ने कहा है कि ज़ेलेंस्की शांति में अड़चन डाल रहे हैं भले ही उनका देश बर्बाद हो गया है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने बताया कि ट्रंप ने कई बातें ऐसी की, जिससे ऐसा लगा कि ये पुतिन के निर्देश में क्रेमलिन से आई हैं.
कीएव पोस्ट' के मुताबिक़ ज़ेलेंस्की ने कहा, "हो सकता है कि पुतिन यह जानकारी साझा कर रहे हों कि उन्होंने हमें नष्ट कर दिया.''
लेकिन हमने ट्रंप से पूछा कि पिछली बार राष्ट्रपति पुतिन से आपने कब बात की थी और उन्होंने क्या कहा था?"
'यूक्रेनस्का प्रावदा' ने भी ज़ेलेंस्की के फॉक्स न्यूज़ को दिए गए इंटरव्यू का ज़िक्र किया है, जिसमें उन्होंने ट्रंप से माफी मांगने से इनकार किया था.
ज़ेलेंस्की ने कहा था, ''मुझे नहीं लगता कि हमने कुछ खराब काम किया है. हम लोकतंत्र और स्वतंत्र मीडिया का पूरा सम्मान करता है. लेकिन कुछ चीजें हैं जहां हमें यूक्रेन की स्थिति समझना होगा.''
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